गुडमुड़िया बनी पत्थर सी जमी
मूरत थी या बूढ़ा था
खुली सड़क के सँकरे से फुटपाथ पर
हाथ मल - मल के गर्मी निकलता
बीड़ी थी या मुँहसे उबलता कोहरे का धुआँ
सिमटता सिकुड़ता
दोनों हाथों से समेटे
छत्तीस छेदों वाला कंबल
छत्तीस छेदों वाले कंबल से छनती हवा
तेज़ नुकीली कील सी बदन में चुभती
सिहरन ठिठुरन बदन में बिजली सी कौंदती
साएं सी सर सर करतीं गाड़ियाँ
हवा चीरती
शोर करती
हवा फुटपाथ पर धकेलती
फैलती हवा में खुद को समेटता
दोनों हाथों से थाम के लपेटता
बूढ़ा
और
छत्तीस छेदों वाला कंबल
मूरत थी या बूढ़ा था
खुली सड़क के सँकरे से फुटपाथ पर
हाथ मल - मल के गर्मी निकलता
बीड़ी थी या मुँहसे उबलता कोहरे का धुआँ
सिमटता सिकुड़ता
दोनों हाथों से समेटे
छत्तीस छेदों वाला कंबल
छत्तीस छेदों वाले कंबल से छनती हवा
तेज़ नुकीली कील सी बदन में चुभती
सिहरन ठिठुरन बदन में बिजली सी कौंदती
साएं सी सर सर करतीं गाड़ियाँ
हवा चीरती
शोर करती
हवा फुटपाथ पर धकेलती
फैलती हवा में खुद को समेटता
दोनों हाथों से थाम के लपेटता
बूढ़ा
और
छत्तीस छेदों वाला कंबल
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