चिड़िया का बच्चा

  • September 21, 2015
  • By Abu Turab Naqvi
  • 0 Comments


शनिवार की एक्सट्रा क्लास के लिए सेलास में सीढ़ियों पर बैठा मदाम सोलवे का इंतज़ार कर रहा था तभी कृष्णा ने एक तरफ इशारा करते हुए कहा, "तुराब भाई वो देखिये!" अब जो नज़र घुमाई तो एक मासूम से चिड़िया का बच्चा दिखा। बोहोत छोटा, डरा सहमा लग रहा था। शायद अपनी माँ से बिछड़ गया हो। कहा नहीं जा सकता। सेलास बिल्डिंग के बीच में बने छोटे से बग़ीचे की सीढ़ियों के कोने में छुपा बैठा चिड़िया का बच्चा मन में करुणा के भाव जगा गया। कुछ देर मैं उसे ही निहारता रहा। उसकी हालत देखकर कुछ पुरानी यादें जागने लगी थीं । हमारा मन बोहोत बुरा है । बाहरी दृश्यों से अंदर की तकलीफ़ों, पुरानी यादों को जगा देने में माहिर। कृष्णा ने कहा इसको पानी पिलाते हैं । वो कैंटीन से काग़ज़ का बर्तन लाया जिसमे बच्चा पानी पी सके। मैने अपनी पानी की बोतल से पानी भरने का सोचा। जैसे ही बर्तन बच्चे के नज़दीक गया वह दर गया और अपने छोटे छोटे परों की पूरी ताकत समेट करे कुछ दूर उड़ कर नाली के मुहाने में चला गया। कहते हैं जानवर खतरे का आभास करने में सक्षम होते हैं । मगर हम से उसे कैसे खतरा। हम तो उसकी सहायता कर रहे थे । शायद अभी उसे इतनी समझ न हो । छोटा सा मासूम सा बच्चा जो था। हमारी क्लास का समय हो गया और चले गए । वो शायद बाद में वहीं आ गया हो । या कहीं और चला गया हो। या कुछ और..... 


You Might Also Like

0 comments

Note: only a member of this blog may post a comment.