तुम परिजात के फूलों सी
दिल आँगन में बिखरो महको
तुम ग्रीष्म ऋतू की चिड़ियों सी
धीमे धीमे सुर में चहको
तुम प्रेम पियाले को पीकर
मदमस्त रहो झूमो बहको
तुम प्रेमाग्नि के पाँवन से
अंगारों की तरह दहको
तुम प्रेम गीत का राग बनो
और मेरे कानों में गूंजो
तुम श्वेत चांदनी की तरह
मेरे दिल आँगन में फैलो
ऐ काश कि तुम मेरी प्रीत बनो
मेरे होंटों का गीत बनो
- अबू तुराब
दिल आँगन में बिखरो महको
तुम ग्रीष्म ऋतू की चिड़ियों सी
धीमे धीमे सुर में चहको
तुम प्रेम पियाले को पीकर
मदमस्त रहो झूमो बहको
तुम प्रेमाग्नि के पाँवन से
अंगारों की तरह दहको
तुम प्रेम गीत का राग बनो
और मेरे कानों में गूंजो
तुम श्वेत चांदनी की तरह
मेरे दिल आँगन में फैलो
ऐ काश कि तुम मेरी प्रीत बनो
मेरे होंटों का गीत बनो
- अबू तुराब
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